SSR Case: 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान, बिहार और महाराष्ट्र दोनों सरकारों ने एक दूसरे पर राजपूत की मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार (आज) 19 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच करने का निर्देश दिया है और महाराष्ट्र को जांच में सहायता करने को कहा है. मुंबई पुलिस अब मामले में एकत्र सभी सबूतों को जांच एजेंसी को सौंप देगी. शीर्ष अदालत ने सुशांत के पिता के के सिंह द्वारा पटना में दर्ज एफआईआर को भी बरकरार रखा. पटना में दर्ज एफआईआर सही थी. महाराष्ट्र राज्य ने आदेश को चुनौती देने से इनकार कर दिया है. महाराष्ट्र ने कहा है कि वें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही जायेंगे.
अदालत अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती द्वारा मामले के संबंध में पटना में दायर एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पटना पुलिस ने सुशांत के पिता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने, आत्महत्या के लिए उकसाने और पांच अन्य लोगों पर आत्महत्या, धोखा देने, आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक धमकी और गलत तरीके से कैद करने का आरोप लगाने के बाद रिया को शीर्ष अदालत में भेज दिया था.
इस फैसले से परिवार बहुत खुश
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशांत के वकील विकास सिंह ने कहा कि यह सुशांत के परिवार की जीत हुयी है. SC ने हमारे पक्ष में सभी बिंदुओं पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि पटना में दर्ज एफआईआर सही थी. उन्होंने आगे कहा, एससी ने यह भी कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में दर्ज किसी अन्य एफआईआर की भी सीबीआई जांच की जाएगी. हमें उम्मीद है कि हमें बहुत जल्द न्याय मिलना जाएगा. इस फैसले से परिवार बहुत खुश है.
शीर्ष अदालत ने 11 अगस्त को याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान, बिहार और महाराष्ट्र दोनों सरकारों ने एक दूसरे पर राजपूत की मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया था. बिहार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की एकल-न्यायाधीश पीठ को बताया कि राजनीतिक दबाव महाराष्ट्र में है और बिहार में नही. मुंबई पुलिस ने हमें कोई दस्तावेज नहीं दिए. वे सहयोग नहीं कर रहे थे. पता नहीं उन्हें इस पुरे मामले में किस बात का डर था.
महाराष्ट्र के अधिवक्ता ने कुया कहा
अधिवक्ता ने महाराष्ट्र द्वारा दायर एक हलफनामे में टिप्पणी करने पर सख्ती से आपत्ति जताई थी कि बिहार के मुख्यमंत्री को पटना में एफआईआर दर्ज करने के लिए ज़िम्मेदार बताया गया है और कहा था कि बिहार के राज्य ने बहुत सचेत रूप से महाराष्ट्र के बारे में कुछ भी नहीं कहा. दूसरी ओर, महाराष्ट्र की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने इस पर पलटवार किया और कहा कि मैं एक निश्चित चुनाव समाप्त होने के बाद आपको आश्वस्त कर सकता हूं. इस पर भी चर्चा नहीं की जाएगी. एक राज्य में चिंताजनक रूप से आज तिनके में झूलते हुए. सिंघवी ने कहा कि यह मामला किसी राज्य का नहीं है. लेकिन इस सवांद को कैसे खत्म किया जाए. इस बारे में यह बहुत बड़ा मुद्दा है.
साथ ही केंद्र के लिए पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महाराष्ट्र के हलफनामे का हवाला देते हुए कहा था कि मुंबई पुलिस ने 56 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और उनमें से किसी को भी राजपूत के आत्महत्या करने का संदेह नहीं है. उन्होंने कहा, यह एक एजेंसी द्वारा निष्कर्ष निकाला गया है कि यह आत्महत्या थी. जिसे वे अब तक दर्ज किए गए 56 व्यक्तियों के बयानों के अनुसार भूमि के उच्चतम न्यायालय के समक्ष दबाने की कोशिश कर रहे हैं.
कंगना का ट्वीट
Humanity wins, congratulations to each one of SSR warriors, first time I felt such strong force of collective consciousness, AMAZING 👏👏👏#CBITakesOver
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 19, 2020
5 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने चक्रवर्ती की याचिका को यह कहते हुए लिया था कि “क्या स्थिति में कोई अपराध है या नहीं, इस मामले की जांच की जानी है.” इस बीच, सुशांत की मौत की सीबीआई जांच के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है. राजपूत, उम्र 34 वर्ष, 14 जून को मुंबई में उपनगरीय बांद्रा में अपने अपार्टमेंट की छत से लटका पाया गया था.
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