फेसलेस इनकम टैक्स: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पारदर्शी कराधान- सम्मान का सम्मान’ पर अपने वीडियो सम्मेलन में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस टैक्सपेयर्स चार्टर लॉन्च करने की घोषणा की। जबकि फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू होगा। वहीं फेसलेस अपील 25 सितंबर से उपलब्ध होगी। सरकार द्वारा शुरू की गई फेसलेस अपील्स प्रणाली के तहत, देश भर में किसी भी अधिकारी को यादृच्छिक रूप से अपीलें आवंटित की जाएंगी और अपील तय करने वाले अधिकारी की पहचान अज्ञात रहेगी। इसके अलावा निर्णय टीम आधारित होंगे।
पीएम ने कहा कि अब तक शहर में कर-संबंधी सभी मामलों को उस शहर के आयकर विभाग द्वारा निपटाया जाता था। उस समय के आईटी अधिकारी मुख्य भूमिका निभाते थे। अब प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए। किसी भी जगह बेतरतीब ढंग से चुने गए आईटी अधिकारी द्वारा जांच की जा सकती है।
फेसलेस अपील सिस्टम की विशेषताएं
- देश में किसी भी अधिकारी को यादृच्छिक रूप से आवंटित करने की अपील की जाती है।
- अपील तय करने वाले अधिकारियों की पहचान अज्ञात रहेगी।
- कर दाता को आयकर कार्यालय या अधिकारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- अपीलीय निर्णय टीम-बीएएसएड और समीक्षा की जाएगी।
जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी।
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2020
आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें: PM @narendramodi
फेसलेस अपीयरेंस के अपवाद
फेसलेस अपील के अपवादों में गंभीर धोखाधड़ी, प्रमुख कर चोरी, संवेदनशील और खोज मामले शामिल हैं। यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय कराधान और ब्लैक मनी अधिनियम और बेनामी संपत्ति को भी शामिल नहीं करती है। नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि लक्ष्य ITR भरने की प्रणाली को सहज, दर्द रहित और फेसलेस बनाना है।
पीएम ने नागरिकों से भी जिम्मेदार होने और अपने करों का भुगतान करने का आग्रह किया
“इन सभी प्रयासों के बीच, पिछले 6-7 वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में लगभग ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन यह भी सच है कि 130 करोड़ के देश में यह अभी भी बहुत कम है।
वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी।
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2020
वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है।
यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है: PM @narendramodi #HonoringTheHonest
पीएम के कहा- “वर्ष 2012-13 में सभी कर रिटर्न में से, 0.94% की जांच थी। वर्ष 2018-19 में, यह आंकड़ा 0.26% पर आ गया है। यह इंगित करता है कि मामले की जांच लगभग 4 से कम हो गई है।
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