रक्षाबंधन: इस बार रक्षाबंधन पर 29 साल के बाद शुभ मुहूर्त आया है। बहने 3 अगस्त को सुबह 9:30 बजे के बाद पूरे दिन किसी भी समय अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। इस बार भद्रा नहीं है। भद्रा काल के बजाए बहनों को कोरोना का ज्यादा ध्यान रखना होगा। राखी के दिन ही सावन का आखिरी सोमवार है और इसी दिन ही सावन पूर्णिमा भी है। यदि दिन और खास हो जाता है क्योंकि इस दिन स्वार्थ सिद्धि दीर्घायु, आयुष्मान योग के साथ सूर्य सनी के समर्थक युवक और प्रति योगी बन रहे हैं। इससे पहले यह योग 1991 में 29 साल पहले आया था। इस बार भद्रा नहीं है। क्योंकि वह रक्षाबंधन से एक दिन पहले रात्रि में 8:43 से लेकर 3 अगस्त सुबह 9:28 तक भद्रा रहेगा। उसके बाद पूरे दिन रक्षाबंधन के दिन कोई भादरा नहीं है। जिसमें बहनों को कोई विशेष रूप का ध्यान रखने की जरूरत नहीं है। वह किसी भी टाइम अपने भाइयों को राखी बांध सकते हैं। जो रक्षाबंधन के दिन व्रत रखते हैं। उन लोगों को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और वेदों की विधि के अनुसार पित्र तर्पण और ऋषि पूजन करना चाहिए। पूजा खत्म होने के बाद बहन अपने भाई के दाहिने हाथ पर रक्षा कवज को बांध सकती हैं। जोतसी मदन गुप्ता सपाटू उनका कहना है कि आधुनिक समय काल में भाई बहनों को एक दूसरे का भी ख्याल रखें।
बहनों को राखी बांधने से पहले भाइयों को लाल रोलिया केसर या कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए। उसके बाद ज्योति से आरती उतारने चाहिए और दीर्घायु की कामना करें फिर इसके बाद मिठाई खिलाएं। राखी बांधने समय ईश्वर से कामना के करें। ईश्वर से भाई की लंबी उम्र और रक्षा की कामना करें। सभी को इस भाई-बहन के इस महत्वपूर्ण पर्व पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना चाहिए। ताकि कोरोना महामारी से बचे रहें।
किस राशि के लिए कौन से रंग की राखी
मेष राशि: इस राशि के भाइयों के लिए बहनों को मंगल कामना करते हुए भाई को कुमकुम का तिलक लगाएं और लाल रंग की ही राखी या डोरी बांधे।
वर्षभ राशि: सिर पर सफेद रुमाल रखें और चांदी की या सिल्वर रंग की राखी बांधे। रोली में अक्षत मिला ले इससे भाई का मन शांत और सुख रहेगा।
मिथुन राशि: हरे वस्त्र को अपने भाई के सिर पर रखें। हरे रंग की राखिया धागे को अपने भाई की कलाई पर बांधें।
कर्क राशि: चंद्रमा जैसे रंग या सफेद धागों से बनी मोतियों की वाली राखी बांधे।
सिंह राशि: गोल्ड या पीले या नारंगी रंग की राखी बंधे। माथे पर सिंदूर या केसर का तिलक लगाएं। इससे भाई का भाग्य उदय होगा।
कन्या राशि: हरे रंग या चाँदी रंग की राखी भाई को बंधे।
तुला राशि: भाई को सफेद रंग की राखी बांधना ही लाभकारी होगा। भाई को क्रीम रंग का तिलक लगाएं।
वृश्चिक राशि: लाल गुलाबी और चमकीली राखी या धागा बांधे हैं। और भाई को मिठाई भी लाल रंग की ही खिलाए।
धनुष राशि: पिला या भगवा रंग की राखी भाई को बांध सकते हैं।
मकर राशि: ग्रे या नेवी ब्लू रुमाल से भाई का सर ढकने के बाद राखी बांध सकते हैं। नीले रंग के मोतियों वाली राखी बांधने से भाई को बुरी नजर से बचेगा।
कुंभ राशि: आसमानी या नीले रंग की डोरी से बनी राखी भाग्यशाली रहेगी।
मीन राशि: हल्दी का तिलक लगाने के बाद लाल पीली संतरंगी रंग की राखी या धागा बांध सकते हैं।
इस पर्व की क्या है वजह
ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू ने बताया कि राखी बांधने की पीछे कई कहानियां हैं। द्रोपती ने भगवान कृष्ण के हाथों में चोट लगने पर साड़ी का पल्लू फाड़ कर श्रीक्रष्ण को कलाई में बंधी थी। और श्रीक्रष्ण से इस दिन सुरक्षा का वचन लिया था। श्री कृष्ण ने इस वचन को निभाते हुए चीरहरण के समय द्रोपती की रक्षा की थी। चित्तौड़ की महारानी अमरावती ने हुमायूं को चांदी की राखी भेजी थी। सिकंदरपुर राजा परु की पत्नी ने राखी बांधी थी।
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